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एक्सपर्ट्स कोविशील्ड2024 के साइड इफेक्ट जांचे -सुप्रीम कोर्ट में याचिका: कहा-वैक्सीन लगाने से किसी को गंभीर नुकसान पहुंचा, तो सरकार उन्हे हर्जाना दे,

एस्ट्राजेनेक कंपनी की वैक्सीन को भारत में कोवीशील्ड के नाम से जाना जाता है ,सीरम इंस्टीट्यूट ने एक्सट्रेजनिका के फार्मूले से कोविशील्ड को मैन्युफैक्चर किया था वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर बनाया गया था कम्पनी की याचिका दायर कि

TTS – a blood clot disorder — is a rare side effect of AstraZeneca’s Covid vaccine.

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड की जांच के लिए एक आया आज का दायित्व की गई इसमें कहा गया की कोविशील्ड के साइड इफेक्ट्स की जांच करने के लिए एक्सपट्र्स चैनल बनाने का निर्देश जारी किया गया

याचिका का एडवोकेट विशाल तिवारी ने लगाई है उन्होंने कहा कि वैक्सीन लगाने के बाद किसी को नुकसान पहुंचा तो उन्हें फरजाना देने का सिस्टम बनाया जाए भारत में सबसे पहले कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड है इसे पुणे के सिरम इंस्टीट्यूट ने बनाया है ,

कोविशील्ड फार्मूला ब्रिटिश फार्मा कंपनी एक्स्ट्रा जेनिका से लिया गया है एस्ट्रेजनेका ने एक ब्रिटिश अदालत में माना है कि उनकी वैक्सीन के कंप्लीट साइड इफेक्ट है कहां कुछ मामलों में थ्रांबोसिस थ्रांबोसाइटोपेनिया सिंड्रोम यानी TTS हो सकता है इस बीमारी से शरीर में खून के और प्लेटलेट्स की संख्या गिर जाती है 

भारत में सबसे पहले कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड है इसे पुणे के सिरम इंस्टीट्यूट ने बनाया है कोविशील्ड फार्मूला ब्रिटिश फार्मा कंपनी एक्स्ट्रा जेनिका से लिया गया है

कोविशील्ड पर प्याज का का हर पहलू सवाल जवाब में

TTS – a blood clot disorder — is a rare side effect of AstraZeneca’s Covid vaccine.
1. देश में कितने लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन लगाई गई

वैक्सीन ड्राइव के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका क्यों ?

एस्ट्रेजनेका ने ब्रिटिश अदालत में माना है कि उनकी वैक्सीन के गंभीर साइड इफेक्ट है हालांक ऐसे कैसे बेहद दुर्लभ है इनके बाद भारत में कोविशील्ड की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में यात्रा लगाई गई बजे कोविशील्ड भी एक्सट्रेजेनेका के फार्मूले पर बनी है
सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई याचिका में क्या कहा गया है 
4.एस्ट्राजेनेका के फार्मूला पर कोविशील्ड बनी, एस्ट्राजेनेका ने यूके कोर्ट में क्या कहा ?

5.एस्ट्राजेनेका को ब्रिटिश कोर्ट में क्यों जाना पड़ा?

7. इस पूरे केस में क्या कोई चौंकाने वाली बात है?
एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का इस्तेमाल कब ब्रिटेन में नहीं हो रहा वैक्सीन का इस्तेमाल अब ब्रिटेन में नहीं हो रहा टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक बाजार में आने के कुछ महीनो बाद वैज्ञानिकों ने इस वैक्सीन के खतरे को बाप लिया था

सुझाव दिया गया था की 40 साल के कम उम्र के लोगों को दूसरी वैक्सीन का वीडियो दिया जाए क्योंकि एक्स्ट्रा जेनिक भी वैक्सीन से होने वाले नुकसान कोरोना के खतरे से ज्यादा थी

मेडिसिन हेल्थ केयर प्रोडक्शन रेगुलेटरी (MHRA)के मुताबिक ब्रिटेन में साइड इफेक्ट से जूझने वाले हर पांच में से एक व्यक्ति की मौत हुई है फरवरी में 163 लोगों को सरकार ने मुआवजा दिया था इनमें से 158 ऐसे थे जिन्होंने एक्स्ट्रा जनता की वैक्सीन लगाई थी

सुप्रीम कोर्ट में याचिका अब क्या होगा अगला निर्यण

उन लोगों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं जिन्होंने अपनों को खोया है या गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ा हम दवाइयां और वैक्सीन के सुरक्षित इस्तेमाल के लिए सभी मनको का पालन करते हैं,कोर्ट के आदेशानुसार सभी को सरकार की तरफ देख्रेख मिल्गा , ये जो याचिका दायर कि है विशाल ने
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